मां
रक्त में शक्ति बन बहता 'लोहा' मां, चंद शब्दो मे अथाह गहराई वाली 'दोहा' मां।। कोख की मिट्टी, दूध की शक्ति - जीवन का 'आधार' मां, वाणी में, सोच में - जीवन-शैली में बसा 'संस्कार' मां।। जीवन दाव पे लगा के देती जीवन दान मां, बलिदान भी नतमस्तक हो, ऐसा वो 'बलिदान' मां।। जीवन में नमक का 'स्वाद' मां, भाग्य से मिलता दैविक ' प्रसाद ' मां।। ममता, साहस, बलिदान, त्याग, उर्जा -- सबके लिए 'मिसाल' मां, सब मिसाल हो जाते फीके , ऐसी होती है 'बेमिसाल ' मां।।।