सबके राम
किसी के लिए मूर्ति में राम, किसी के निःस्वार्थ भक्ति में राम।। पिता का अभिमान राम, पत्नी का सम्मान राम। माता का स्नेह राम, भाई -बहनो का नेह राम।। किसी के आदर्श, किसी के साध्य। किसी के आत्मज, किसी के अराध्य।। सृष्टि के कण कण में राम, जीवन के हर क्षण में राम। हर्ष में राम, रुदन में राम, जन्म में राम, मरण में राम।। संघर्ष में राम, उत्कर्ष में राम। जीवन के निष्कर्ष में राम।। तन में राम, मन में राम, आज करोड़ों स्नेह भरे नयन में राम।।। ।। जय श्रीराम।।